राजबाड़ा कब बना, उसकी क्या खासियत है... लालबाग पैलेस किन होलकर राजाओं ने बनवाया, इसके मुख्य गेट को बर्घिंगम पैलेस के गेट से क्यों जोड़ा जाता है...इसी तरह व्हाइट चर्च क्यूं है खास... क्या है इंद्ररेश्वर मंदिर की कहानी... स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना गांधी हॉल का किस अंग्रेज राजा ने उद्घाटन किया था।
यह जिज्ञासा एक डॉक्यूमेंट को पढऩे के बाद शांत हो जाएगी। इस डॉक्यूमेंट को पढऩे के साथ ही फोटो से पहचान भी पाएंगे। शहर की धड़कन सुनाती ऐतिहासिक महत्व की इमारतों के बारे में आने वाली पीढ़ी परिचित हो सके, इसके लिए इनके फोटोग्राफ्स व जानकारी के साथ एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। इससे ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने के साथ ही इन इमारतों के प्रति शहरवासियों को जागरूक भी किया जा सकेगा। यह महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंटेशन संभागायुक्त संजय दुबे ने तैयार कराया है। इसमें 250 ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक इमारतों व मंदिरों को शामिल किया है। इसमें कई इमारतें ऐसी भी हैं, जिन्हें भुला दिया गया है और जिनके बारे में जानकारी काफी कम है। जल्द ही इस डॉक्यूमेंट का प्रकाशन कराया जाएगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट की कॉपियां सभी महत्वपूर्ण शासकीय दफ्तरों में रखी जाएंगी।
कई इमारतें अनदेखी की शिकार : शहर में कई ऐसी इमारतें हैं, जो अनदेशी शिकार हैं। इसमें शिव विलास पैलेस, गांधी हॉल, कृष्णपुरा की छत्रियां, इंद्रेश्वर मंदिर (शहर का नाम इसी मंदिर के नाम पर), लालबाग पैलेस के साथ ही साथ कई इमारतें हैं। संभागायुक्त कहते हैं कि लालबाग पैलेस के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाते समय शहर की धरोहरों को सहेजने का विचार आया। इस पर काम शुरू हुआ तो तय किया कि क्यों न एक डॉक्यूमेंट तैयार किया जाए। इसके बाद हमने इमारतों, मंदिरों व चर्च की खोजबीन शुरू की।
इन स्थलों को शामिल किया : संभागायुक्त ने बताया कि हमने डॉक्यूमेंटेशन में 250 इमारतों को शामिल किया है। इसमें मुख्य और जरूरी इमारतों के साथ बड़ा रावला, छोटा रावला, यशवंत पैलेस, रेसीडेंसी, पुराना आरटीओ दफ्तर, अहिल्या आश्रम, भंडारी पैलेस, रेड चर्च और व्हाइट चर्च, पंढरीनाथ मंदिर, कृष्णपुरा की छत्रियां आदि शामिल हैं।
यह जिज्ञासा एक डॉक्यूमेंट को पढऩे के बाद शांत हो जाएगी। इस डॉक्यूमेंट को पढऩे के साथ ही फोटो से पहचान भी पाएंगे। शहर की धड़कन सुनाती ऐतिहासिक महत्व की इमारतों के बारे में आने वाली पीढ़ी परिचित हो सके, इसके लिए इनके फोटोग्राफ्स व जानकारी के साथ एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। इससे ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने के साथ ही इन इमारतों के प्रति शहरवासियों को जागरूक भी किया जा सकेगा। यह महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंटेशन संभागायुक्त संजय दुबे ने तैयार कराया है। इसमें 250 ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक इमारतों व मंदिरों को शामिल किया है। इसमें कई इमारतें ऐसी भी हैं, जिन्हें भुला दिया गया है और जिनके बारे में जानकारी काफी कम है। जल्द ही इस डॉक्यूमेंट का प्रकाशन कराया जाएगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट की कॉपियां सभी महत्वपूर्ण शासकीय दफ्तरों में रखी जाएंगी।
कई इमारतें अनदेखी की शिकार : शहर में कई ऐसी इमारतें हैं, जो अनदेशी शिकार हैं। इसमें शिव विलास पैलेस, गांधी हॉल, कृष्णपुरा की छत्रियां, इंद्रेश्वर मंदिर (शहर का नाम इसी मंदिर के नाम पर), लालबाग पैलेस के साथ ही साथ कई इमारतें हैं। संभागायुक्त कहते हैं कि लालबाग पैलेस के जीर्णोद्धार की कार्ययोजना बनाते समय शहर की धरोहरों को सहेजने का विचार आया। इस पर काम शुरू हुआ तो तय किया कि क्यों न एक डॉक्यूमेंट तैयार किया जाए। इसके बाद हमने इमारतों, मंदिरों व चर्च की खोजबीन शुरू की।
इन स्थलों को शामिल किया : संभागायुक्त ने बताया कि हमने डॉक्यूमेंटेशन में 250 इमारतों को शामिल किया है। इसमें मुख्य और जरूरी इमारतों के साथ बड़ा रावला, छोटा रावला, यशवंत पैलेस, रेसीडेंसी, पुराना आरटीओ दफ्तर, अहिल्या आश्रम, भंडारी पैलेस, रेड चर्च और व्हाइट चर्च, पंढरीनाथ मंदिर, कृष्णपुरा की छत्रियां आदि शामिल हैं।