लालबाग Lal Bagh Palace
इंदौर में लालबाग की शान कुछ और ही है यहाँ की हरियाली देखते ही बनती है | खान नदी के किनारे पर 28 एकड़ में बने राजघराने का यह लालबाग महल बाहर से तो साधारण दीखता है परन्तु भीतर से इसकी सजावट देखते ही बनती है और यही पर्यटकों को अपनी और खिचती है |
लाल बाग Lal Bagh Palace का निर्माण सन 1886 में महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय के राज में प्रारंभ हुआ और महाराजा तुकोजी राव होलकर तृतीय के शासन काल में संपन्न हुआ | जो तीन चरणों में पूर्ण हुआ | इस महल के सबसे निचे का तल प्रवेश द्वाकक्ष है जिसका फर्श संगमरमर से बना हुआ है यह एतिहासिक शिल्पकृति को बताता है | पहले तल पर मुस्लिम सदी के पुराने सिक्को का संग्रह है व यहाँ समकालीन भारत और इटालियन पेंटिंग्स चित्र और प्रतिमाओ का सुन्दर प्रदर्शन देखने को मिलता है |
इस महल की सबसे बड़ी खासियत इसका प्रवेश द्वार है यह द्वार इंग्लॅण्ड के बर्किघम पेलेस के गेट की हुबहू प्रतिकृति है जिसे जहाज के रास्ते मुंबई लाया गया और वहा से सड़क के रास्ते इंदौर लाया गया | यह दरवाजा बीड धातु का बना है | पुरे देश में इस गेट की मरम्मत नहीं हो सकती अगर इसकी मरम्मत करवानी हो तो इसे इंग्लॅण्ड ही ले जाना पड़ेगा |
इस महल के दरवाजो पर राजघराने की मुहर लगी है जिसका अर्थ है "जो प्रयास करता है वही सफल होता है " बालरूम का लकड़ी का फ्लोर स्प्रिंग का बना है जो उछलता है, महल की रसोई से नदी का किनारा दिखता है, यहाँ रसोई से एक रास्ता भूमिगत सुरंग में भी खुलता है |
सिहासन कक्ष में वर्षो तक बैठके तथा खास कार्यक्रम हुआ करते थे | 1978 तक यह राजनिवास रहा तुकोजीराव तृतीय इस भवन के अंतिम निवासी थे | यहाँ महल अपने साथ में आज भी होलकर राज्य की शान और शाही जीवन शैली की अमित छाप लिए हुए है और अपने भीतर होलकर राज्य का स्वर्णिम इतिहास समेटे हुए है | यहाँ महल के भीतर छायाचित्र/फोटो लेना प्रतिबंधित है | यहाँ आप सुबह 10 बजे से शाम को 5 बजे तक अन्दर आ सकते है |
महल के कमरों की बनावट देखते ही बनती है कमरे की दीवारों और छत पर सुन्दर कलाकृतिया दिखाई देती है यहाँ पर कारीगरी में बेल्जियम के कांच, पर्सियन कालीन, महंगे और खुबसूरत झाड़ फानूस और इटालियन संगमरमर का खुबसूरत प्रयोग किया गया है |
[...] का उद्घाटन करने पधारे थे | उस समय जब लालबाग पेलेस में उनका सम्मान किया गया तो [...]
Bhut hi mhatv purn information he J