खजराना मंदिर इंदौर सन 1735 के लगभग पंडित मंगल भट्ट के स्वप्न में गणेश जी आए और उन्होंने इस स्थान से प्रकट होकर जनता का उद्धार करने की बात कही | तब यहा


मंदिर का परिसर काफी भव्य और मनोहारी है, परिसर में मुख्य मंदिर के अतिरिक्त अन्य 33 छोटे-बड़े मंदिर और है | मुख्य मंदिर में गणेशजी की प्राचीन मूर्ति है इसके साथ-साथ शिव और दुर्गा माँ की मूर्ति है | इन 33 मंदिरों में अनेक देवी देवताओ का निवास है | मंदिर परिसर में ही पीपल का एक प्राचीन वृक्ष है इसे भी मनोकामना पूर्ण करने वाला माना जाता है | मंदिर में आने वाले भक्तगण इसकी परिक्रमा अवश्य करते है | यह मंदिर सर्वधर्म समभाव का बहुत अच्छा उदाहरण है, यहाँ सभी धर्मो के भक्तगण दर्शन को आते है | प्रत्येक बुधवार को यहाँ उत्सव का आयोजन होता है |

महाराजा तुकोजीराव तृतीय और उनकी अमेरिकन पत्नी महारानी शर्मिष्ठादेवी समय-समय पर अपने परिवार सहित खजराना मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते थे और अहिल्याबाई होलकर के राज्यकाल से होलकर शासन की और से दिया जाने वाला अनुदान इस मंदिर के रखरखाव के लिए दिया जाता रहा है | माता अहिल्या के राज्य में 1717 के जून माह की 27 तारीख को एक विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमे राज्य के समस्त रहवासियो से समय-समय पर होने वाले आयोजनों पर ब्राह्मण भोजन के लिए सभी जातियों से उदारतापूर्वक दान देने के लिए कहा गया था |

आप इस मंदिर के दर्शन को कभी भी आ सकते है परन्तु बुधवार के दिन यहाँ विशेष आयोजन होते है | और अगर आप कुछ विशेष उत्सव देखना चाहते है तो आप गणेश चतुर्थी को आवे |
बहोत ही अच्छी जानकारी .........आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आलेख. छोटी छोटी वर्तनी की त्रुटियाँ हैं. सुधार लें.
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