आज शहर में विकास कि नई इबारत लिखने के लिए शासन द्वारा जनभागीदारी कि जो बात कही जा रही है इसकी शुरुवात ८६ साल पहले झाकियो के रूप में हो च...
आज शहर में विकास कि नई इबारत लिखने के लिए शासन द्वारा जनभागीदारी कि जो बात कही जा रही है इसकी शुरुवात ८६ साल पहले झाकियो के रूप में हो चुकी थी | तब सबसे पहले हुकुमचंद मिल कि झाकी निकली गयी थी, जिसमे मिल प्रबंधन के साथ ही मजदूरो ने भी पैसा मिलाया था और शुरू हुई थी शहर कि यह गौरवशाली परंपरा |

इंदौर कि झाकी के ऊपर भारत सर्कार के फिल्म डिविजन, दिल्ली ने 1954 से 1956 तक डाक्यूमेंट्री बनाई थी | जिसे देश के सभी सिनेमगारो में दिखाया जाता था|
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