Devi Ahilya University, Indore University देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर

Devi Ahilya University, Indore University देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर

Devi Ahilya University, Indore University देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर
इंदौर विश्वविद्यालय खोलने की दिशा में वर्ष 1918 से ही प्रयास किये जा रहे थे | जबकि सुप्रसिद्ध शिक्षाविध्द तथा नगर विशेषज्ञ पत्रिक सिद्ज़ ने तत्कालीन होलकर राज्य शासन कि इंदौर शहर के सांस्कृतिक तथा शेक्षणिक विकास पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था बाद में 1933 में हिंदी साहित्य समिति ने भी कई सुझाव दिए | परन्तु यह विश्वविद्यालय अपना रूप सन 1964 में ही ले पाया इसे मध्यप्रदेश सर्कार द्वारा अधिनियम के अंतर्गत बनाया गया और नाम रखा गया इंदौर विश्वविद्यालय ( University of Indore ) परन्तु तब इसका कार्यक्षेत्र केवल इंदौर जिले में ही था | बाद में सन 1988 में इसका नाम मालवा की शासक व राजमाता देवी अहिल्या बाई के नाम पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय कर दिया गया |
Devi Ahilya University, Indore University देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर

अपने शुरूआती दौर के समय 1964-1984 में विश्वविद्यालय में पारंपरिक विषयों जिनमे भौतिकी, गणित, Statistics और Chemistry विषयों को शामिल किया गया | यह विश्वविद्यालय उन विश्वविद्यालयो में शामिल है जिन्होंने पहली बार 1968 में बी.एड. (B.ED) और 1969 में एम्.बी.ए. (MBA) कोर्स अपने यहाँ शुरू किया | बाद में अन्य कोर्स Life Science, Economics, Biochemistry, और Journilism को शुरू किया गया |

विश्वविद्यालय ने कई बड़े महतवपूर्ण कदम उठाए कंप्यूटर कोर्सेस जैसे M.C.A., और M.S.C. [Computer Science Software (Founded By D.O.E.Now M.I.T. ) U.G.C. और DRDO. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय देश के उन 12 केन्द्रों में शामिल हो गया और प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना जिसने उपरोक्त कोर्स शुरू किये |

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